सुप्रीम कोर्ट में सनसनी: चीफ जस्टिस पर जूता फेंकने की कोशिश, आरोपी वकील हिरासत में
Shoe Attack on Chief Justice Gavai: Supreme Court
नई दिल्ली, 6 अक्टूबर 2025:
सुप्रीम कोर्ट से एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है। सोमवार को कोर्ट की कार्यवाही के दौरान एक वकील ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) डी.वाई. चंद्रचूड़ की ओर जूता फेंकने की कोशिश की। हालांकि सुरक्षा कर्मियों ने मौके पर ही उसे काबू में कर लिया और किसी तरह की चोट या नुकसान नहीं हुआ।
घटना उस समय की है जब सुप्रीम कोर्ट में अलग-अलग मामलों की सुनवाई चल रही थी। तभी एक वकील, जिसकी पहचान राकेश कुमार के रूप में हुई है, अचानक उठकर चीफ जस्टिस के करीब पहुंचा। उसने अपना जूता उतारा और CJI की ओर फेंकने का प्रयास किया, लेकिन इससे पहले ही सुरक्षाकर्मियों ने उसे रोक लिया।
पुलिस ने तुरंत आरोपी को हिरासत में ले लिया। जब पुलिस उसे कोर्टरूम से बाहर ले जा रही थी, तब वह यह चिल्लाता हुआ सुनाई दिया —
“हम सनातन का अपमान नहीं सहेंगे!”
इस घटना के बाद कोर्टरूम में कुछ समय के लिए हलचल मच गई, लेकिन चीफ जस्टिस शांत बने रहे। बाद में उन्होंने कहा,
“इन चीजों से हमारे ऊपर कोई फर्क नहीं पड़ता। हमें सिद्धांतों पर चलना है और आगे बढ़ना है।”
घटना की पृष्ठभूमि
दरअसल, 16 सितंबर को खजुराहो मंदिर में भगवान विष्णु की मूर्ति को पुनर्स्थापित करने से जुड़ी एक याचिका पर सुनवाई के दौरान CJI ने टिप्पणी की थी —
“आपके भगवान हैं, आप प्रार्थना कीजिए, वे खुद को पुनर्स्थापित कर लेंगे।”
इस टिप्पणी के बाद सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिली। कई लोगों ने इसे “सनातन धर्म का अपमान” बताया और CJI व उनके परिवार के खिलाफ अभियान चलाया।
विवाद बढ़ने पर चीफ जस्टिस ने सफाई दी थी कि उनका मकसद किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाना नहीं था। उन्होंने कहा था कि वह सभी धर्मों का सम्मान करते हैं और उनकी टिप्पणी को संदर्भ से बाहर लिया गया।
कानूनी बिरादरी की प्रतिक्रिया
इस घटना पर सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के सदस्य और वरिष्ठ वकील रोहित पांडे ने कहा,
“यह बेहद दुखद और शर्मनाक घटना है। अगर कोई वकील कोर्ट में ऐसा व्यवहार करता है, तो यह पूरे लॉ फaternity पर धब्बा है। आरोपी 2011 में रजिस्टर्ड मेंबर है। अगर उसने सच में ऐसा किया है तो उस पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।”
वहीं सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने भी सोशल मीडिया पर फैली नकारात्मकता को लेकर पहले ही चिंता जताई थी और कहा था कि “यह सब डिजिटल अफवाहों का परिणाम है।”
आगे की कार्रवाई
फिलहाल आरोपी राकेश कुमार को पुलिस ने हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। सुरक्षा एजेंसियां यह भी जांच कर रही हैं कि उसने यह कदम अकेले उठाया या इसके पीछे कोई संगठित योजना थी।
चीफ जस्टिस ने अपने बयान में स्पष्ट किया कि अदालत को ऐसे मामलों से विचलित नहीं होना चाहिए और न्याय की प्रक्रिया अपने रास्ते पर चलती रहनी चाहिए।
निष्कर्ष:
सुप्रीम कोर्ट जैसी सर्वोच्च संस्था में इस तरह की घटना न केवल अनुशासन का उल्लंघन है बल्कि न्यायपालिका की गरिमा को भी ठेस पहुँचाती है। फिलहाल पूरा देश इस घटना पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहा है और सबकी निगाहें आगे की कानूनी कार्रवाई पर टिकी हैं।
